चांदीपुरा वायरस से 44 की मौत , 125 मामले सामने और बच्चो के सर पर मौत मंडरा रहा है। जाने इस वायरस का लक्षण।

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चांदीपुरा वायरस लोगो के बिच बहुत तेजी से फैल रहा है। यह चांदीपुरा वायरस ज्यादा बच्चों को हो रहा है। यह चांदीपुरा वायरस 15 साल के कम उम्र वाले बच्चे को हो रहा है। और उससे कम उम्र वाले बच्चों में ज्यादा तेजी से चांदीपुरा वायरस फैल रहा है। इस वायरस से गुजरात में 44 लोगों की मौत हो गई है। और इसके साथ 125 मामले सामने आए हैं। यह वायरस गुजरात के और कई राज्यों में फैल गया है। जिसमे से महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश और कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है।

जब पुणे में बुधवार, 17 जुलाई, 2024 को पुणे में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में गुजरात के चार साल की बच्ची की मौत की पुष्टि की हैं । जो चांदीपुरा वायरस के कारण मौत हुई है। और बताया कि यह वायरस 1965 मे पहली बार इसका पता चलता था। और कहा जाता है, कि 1665 में जब नागपुर के क्षेत्र में एक चंडीपुरा गाँव में मरीजों को देखने आते हैं। तो मरीजों के रक्त का सैंपल लाकर जब लैब में जाकर सैंपल की जांच करती हैं। तो पता चलता है। की चंडीपुरा वायरस है। जो बहुत ही खतरनाक वायरस साबित हुआ था।

 

और इसी के साथ चंडीपुरा वायरस का नाम इस नागपुर के क्षेत्र में एक चंडीपुरा गाँव के नाम पर रखा गया था। और बताया कि यह वायरस रेत मक्खी के काटने से फैलता है। यह वायरस वर्षा के दिन ज्यादा तेजी से फैलता है। क्योंकि वर्षा के दिन नामी रहता है। जिसके कारण से मक्खी चारो से फैले हुए रहते हैं। और बादल छाए रहते हैं। इसलीय
चांदीपुरा वायरस मक्खी से होने के कारण यह इंसानों के बिच रहता है। और चांदीपुरा वायरस तेजी से फैलता है।

चांदीपुरा वायरस क्या है?

चांदीपुरा वायरस यह है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, चांदीपुरा एन्सेफलाइटिस एक वायरस है। जो की रेत मक्खी के काटने से आपके शरीर में चांदीपुरा वायरस प्रवेश करता है। सर्व प्रथम चांदीपुरा वायरस का खोज 1965 में खोजा गया था। और वायरस नागपुर के क्षेत्र में एक चंडीपुरा गाँव में मरीजों के रक्त के सैंपल की जांच करती हैं। तो चंडीपुरा वायरस का खोज पाया गया है। और इसी के इस वायरस का नाम इसके गांव के नाम पर रखा गया था।

यह वायरस ऐसे फैलता है। जो रेत की मिट्टी के रंग का मक्खी होता है। इसके काटने से फैलता है। और यह हमारे आंखो से दिखाई नहीं देती है। और मक्खी, सैंड फ्लाई मच्छर से छोटी होती है। और यह मक्खी दिन में नहीं कटती है। क्योंकि यह दिन में सक्रिय नही होती है। यह मक्खी रात में ज्यादा सक्रिय होती है। और यह मक्खी रात में ज्यादा कटती है। तो दर्द होता है। इस मक्खी का आकार लगभग 1.5 से 2.5 मिलीमीटर होता है।

चांदीपुरा वायरस कैसे फैलता है ।

चांदीपुरा वायरस मक्खी से फैलता है। यह वायरस वर्षा के दिन नामी के कारण रेत मक्खी से फैलता है। यह वायरस बच्चो में ज्यादा तेजी से फैलता है। चांदीपुरा वायरस जो गुजरात में 44 बच्चों की मौत हो गई है। और इससे संक्रमित बच्चो की संख्या 125 हो गई है। और चांदीपुरा वायरस किट – पतंगों से भी फैलता है। और यह वायरस सबसे पहले मच्छर में फैलता है।

और फिर जब मच्छर इंसानों को जब काटता है। तो इससे इन्फेक्शन हो जाता है। और यह वायरस बच्चो में फैल जाता है। जिससे बुखार, सिर दर्द, सूजन, और मास्तिक की बीमारी होती है। जिससे बच्चो को जल्दी मौत हो जाती है। यह वायरस कीड़ों से भी फैलता है। यह वायरस खासतौर पर 2 महिने से 15 साल तक के बच्चो को अपना शिकार बनाता है।

और यह चांदीपुरा वायरस अलग – अलग राज्यों और अलग – बगल जिलों मे यह वायरस फैल रहा है।

चांदीपुरा वायरस का इलाज।

चांदीपुरा वायरस का इलाज अभी तक नही खोजा गया है। आप सोच रहे होंगे कि इस वायरस का कोई वैक्सीन नही बनी है। तो इसका इलाज कैसे करे। इस वायरस का वैक्सिन वैज्ञानिक बनाने में लगा है। और यह वायरस का वैक्सिन कब बनेगा। इसकी कोई खबर अभी तक नही मिला है। यह वायरस जब बच्चो मे फैलता है। तो उसके हिसाब से दवाई दी जाती है। जैसे किसी को बुखार हो जाते हैं। तो इलाज बदल दिया जाता है। और दिमाग में सूजन होने से भी इसका इलाज बदल दिया जाता है। यानी दूसरे तरीके से इलाज करता है। क्योंकि इस वायरस से संक्रमित दवाई से ठीक नही होती है।

चांदीपुरा वायरस से किन – किन जगहों पर मौत हुई है।

चांदीपुरा वायरस से गुजरात में 44 बच्चो की मौत हो गई है। गुजरात में फिर एक बार मौत का कहर जारी है। चांदीपुरा वायरस से गुजरात में अभी तक 125 केस दर्ज किया गया है। और जिसमे से 55 मरीज अस्पताल में भर्ती है। और इस वायरस से संक्रमित बच्चे तेजी से बढ़ रहा है। और कुछ मरीज जो अस्पताल मे भर्ती है। उस अस्पताल से 26 लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। लेकीन वायरस से संक्रमित लोगो की संख्या बढ़ी रही है।

पहले यह वायरस ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा था। और अब बड़े – बड़े क्षेत्रों में भी फैल रहा है। जिसमे से सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, राजकोट, जैसे बड़े क्षेत्रों में भी मरीज मिल रहे हैं। जिससे लोग बहुत ही डर गया है। और इसमें कई राज्यों एवं महानगरों भी शमिल है। जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, और मध्य प्रदेश भी इसमें शामिल हैं।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण कैसे पता चलता है।

चांदीपुरा वायरस मच्छर, कीड़े, किट – पतंगे के काटने से फैलता है। चांदीपुरा वायरस का लक्षण ऐसे दिखते हैं। जैसे अचानक तेजी से बुखार होना, दौर पड़ना, उल्टी करना, सिर दर्द करना, मस्तिष्क में सूजन होना, और जिससे बच्चो को कमजोरी होना। और अगर दिमाग में सूजन होता है। तो आपको जल्दी ही डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराइए । नही तो आपको जानलेवा बीमारी हो सकता है। इसका असर मच्चर जनित काटने से 24 से 48 घंटो में मौत हो सकता है।

चांदीपुरा वायरस किन लोगो के लिए घातक हो सकता है।

चांदीपुरा वायरस ज्यादा बच्चों के लिए घातक हो सकता है। क्योंकि यह वायरस बच्चो में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। इसकी मृत्यु दर 85% हो गया है। यह वायरस जानलेवा साबित हुआ है। यह वायरस ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा था। लेकीन अब बड़े – बड़े क्षेत्रों में भी फैल रही है । क्योंकि इस वायरस से संकृति लोग ठीक होने के लिए अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इसीलिए आपको बच्चो को ध्यान देना होगा। और इस वायरस से बचा के रखना होगा।

चांदीपुरा वायरस से कैसे करे बचाव।


चांदीपुरा वायरस का इलाज अभी तक नही खोजा गया है। इसलिए चांदीपुरा वायरस से खुद से कैसे करे बचाव । अगर आपको इस वायरस से बचना है। तो आपको आपने घर को साफ – सफाई करते रहिए। और आपके अगल – बगल में पानी जमने न दे। और रात में सोने से पहले आपको मच्छरदानी का इस्तमाल करे। ताकि मच्छर, कीड़े और किट – पतंगे रात में सोते समय नहीं काटे। और आपको जब तक ऐसा करना होगा। की जब इसका कोई वैक्सिन या टिका नही निकल जाए।

आशा करता हूं। की यह जानकारी आपको अच्छी लगीं हो। और आपको इनसे कुछ सीखे भी मिली हो।
धन्यवाद।

 

      
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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम - सोहित आर्या है। मै आने वाली चीजों के बारे जनकारी देता हूं। जैसे - Tech, Automobile, Movie Review और News के बारे में बहुत सी जनकारी देता हूं। जिससे लोग मेरे जनकारी पढ़ते हैं, और मुझे बहुत ही support करते हैं। मै पिछले 5 सालों से कई Website पर काम किया हूं। और मैने अपना इक Website बनाया हूं। जिससे मै पिछले तीन महीनो से काम कर रहा हूं।

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