प्रधानमंत्री सब लोगों को दे रही है,5 लाख रूपयाजिससे इस पैसे से मुफ्त में ईलाज करवा सकते हो। यह योजन स्वास्थ्य औरपरिवार कल्याण मंत्रालयकी ओर से दिया जा रहा है। जिससे नागरिकों को 5 लाख रूपया तक काईलाजकरवा सकते हो। इस 5 लाख रूपया कोपीएम जन आरोग्य योजनाके तहत आपलोगो को दिया जा रहा है। इस योजन को पाने के लिए आपके पास आयुष्मान कार्ड होना चाहिए। जिससे आप 5 लाख रूपया तक का ईलाज करवा सकते हो।
आयुष्मान कार्ड अगर आप नही बनाए, तो जरुर बना ले। आयुष्मान कार्ड को बनाना बहुत ही आसान है। इस आयुष्मान कार्ड को घर बैठें ऑनलाइन बनवाया जा सकता है। सही से अगर अप्लाई करते हो, तो आयुष्मान कार्ड को Approve होने मे कुछ ही मिनट का समय लगेगा।
आयुष्मान कार्ड से क्या फायदे हैं।
आयुष्मान कार्ड को बनाने में बहुत ही ज्यादा फायदे मंद है। पहले इस आयुष्मान कार्ड से आपकों 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य विभाग से मिलता है। और उसके बाद इस आयुष्मान कार्ड से बहुत सारे योजना का लाभ उठा सकते है। जैसे – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, एनएफएसए पात्र गृहस्थी, वरिष्ठ नागरिक, और अंत्योदय राशन कार्ड धारक लाभार्थी भी शामिल हैं। आपकों इस आयुष्मान कार्ड से इतने सारे योजना को सफलता पूर्वक मील सकती है।
आयुष्मान कार्ड को कैसे बनाए।
Ayushman card apply: आयुष्मान कार्ड को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। आपकों सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से जाकर “आयुष्मान ऐप” डाउनलोड कर सकते हैं या फिर वेबसाइट https://beneficiary.nha.gov.in पर जाकर kyc कर सकते हैं। आपकों kyc करने में कुछ ही मिनट लगते है, लेकिन आपकों आवश्यक जानकारी सही तरीके से डालनी होगी। यह सुविधा लोगो को घर बैठें ही उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसी भी व्यक्ति को परेशानी उठानी नही पड़ सके। और सभी लोग इस लाभ को ले सकते हैं।
कितने लोगो ने आयुष्मान कार्ड को नही बनाया है।
बस्ती और जिले में लगभग 3,66,590 लोगे ने अभी तक आयुष्मान कार्ड को नही बनाया है। डॉ. आरएस दूबे ने जानकारी देते हुए बताया,कि बस्ती जिले में 2,59,677 लाभार्थी परिवार हैं। लेकिन अभि भी लगभग 3,66,590 लोगो को आयुष्मान कार्ड बनाना बाकी है। यह जानकारी शासन से मिली है। जिसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, एनएफएसए पात्र गृहस्थी, वरिष्ठ नागरिकों, और अंत्योदय राशन कार्ड धारक लाभार्थी शामिल हैं। अब तक 7,47,332 कार्ड बन चुके हैं, लेकिन अभी भी काफी संख्या में लाभार्थियों का कार्ड बनना बाकी है.