Guru Purnima 21 जुलाई 2024 यानी आज के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। और इसीलिए Guru Purnima कोआषाढ़ी और व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। Guru Purnima के दिन में आपको व्रत रखना चाहिए क्योंकि इस दिन व्रत को रखकर आप भगवान हरी विष्णु को प्रसन्न कर सकते है और आप भगवान से प्रार्थना करते हुए अपने अनुसार कुछ मांग भी सकते हैं। और भगवान से आप जो प्रार्थना करते हुए अपने अनुसार जो मांगा है। वह भगवान आपकोकभी भी दे सकते है ।
और आपको सिर्फ़ इंतजार करना होगा। क्योंकि भगवान आपको जल्दी कुछ नहीं देता है। भगवान आपको तब देगा। जब आप उसके योग्य होंगे। इसीलिए आपको अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए। भगवान के भरोसे मत रहिए। आपको कुछ करना है तो शुरुआत कीजिए। क्योंकि भगवान आपके साथ हमेशा रहते हैं। इस साल Guru Purnima का 21 जुलाई 2024 को है।
Guru Purnima क्यों मनाई जाती है।
Guru Purnima इसलिए मनाई जाती है। क्योंकि इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। तो तब से लेकर आज तक Guru Purnima मनाई जाती है और आगे भी मनाई जाएगी। और यह सनातन धर्म में जन्म लिए है। और आपको बता दें कि श्रीमद्भागवत गीता को महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखी गई थी। और भगवत गीता को श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत के हिंदू महाकाव्य महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत को संस्कृत में लिखा है। Guru Purnima के दिन शिष्य अपने गुरु को विशेष स्थान देता है। और अपने गुरु को विशेष रूप से पुजा करते हैं। इसलिए Guru Purnima मनाई जाती है। और आगे भी मनाई जाएगी।
Guru Purnima का पुजा।
Guru Purnima का पुजा इसलिए किया जाता है। कि आपने गुरु को विशेष स्थान देता है। क्योंकि इस संसार में आपको सही रास्ता दिखाता है। और आपको बुरे कर्म करने से आपको अवगत कराते हैं। और आपको अच्छा कर्म करने को कहते हैं। क्योंकि इस संसार में आपके गुरु ही आपके जिंदगी को सफल बनाने में कामयाब दिलाता है। और आपको सनातन धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त कराते है। इसीलिए Guru Purnima का पुजा करते हैं।
Guru Purnima स्नान – दान ।
Guru Purnima के दिन शिष्य स्नान ब्रह्म मुहूर्त में ही किया जाता है। और स्नान के बाद दान देने का समय सुबह 4 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो चुका है। और आप सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। और वहीं,
पूजन का अगला मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। और साथ ही संध्या पूजन का समय शाम 7 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। और इसी समय में आप किसी भी समय स्नान – दान कर सकते है।
Guru Purnima का महत्व।
Guru Purnima का महत्व यह है । नही कि आपके गुरु ने आपको विद्या दी। और सही रास्ता पर चलने को कहते हैं। Guru Purnima का महत्व यह है। कि आपके गुरु जन्म – जन्मांतर के संस्कारों से मुक्ति दिलाती है। और आपको सता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो। असल में आपको गुरु इन्हे कहते हैं। और गुरु होने की बहुत सारी शर्ते है। मैं आपको शर्ते पूरी तरह से बताऊंगा। लेकिन आपकों इस होने के लिए इन सब चीजे आपके पास होनी चाहिए। तभी आप गुरु कहला सकते हो। गुरु होने के प्रमुख शर्ते निम्नलिखित हैं। जेसे – शांत, दांत, कुलीन, विनीत, शुद्धवेषवाह, शुद्धाचारी, सुप्रतिष्ठित, शुचिर्दक्ष और गुरु होने की बहुत सी शर्तें बताई गई हैं। लेकीन आपके पास इतना सा भी यह सब शर्ते है। तो आप गुरू कहला सकते हो।